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देवली ,अब देवली भी खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या से अछूता नहीं रहा है। हाल में सामने आई जांच से यह स्पष्ट है कि मिठाइयों की दुकानों पर न केवल मिलावटी सामग्री, बल्कि एक्सपायरी हो चुका और स

Norat Mal Nama 17-Oct-2025
पहले महंगी मिठाइयां खाएं और फिर हजारों के इलाज कराएं : मिलावट का खेल खाद्य सुरक्षा टीम ने 270 किलो मिल्क केक और 200 किलो एक्सपायरी माल नष्ट किया उपभोक्ताओं पर दोहरी मार, देवली में भी मिलावट का खतरा देवली ,अब देवली भी खाद्य पदार्थों में मिलावट की समस्या से अछूता नहीं रहा है। हाल में सामने आई जांच से यह स्पष्ट है कि मिठाइयों की दुकानों पर न केवल मिलावटी सामग्री, बल्कि एक्सपायरी हो चुका और स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने वाला सामान भी बेचा जा रहा है। उपभोक्ताओं पर इस स्थिति की दोहरी मार पड़ रही है। पहले वे महंगी मिठाइयाँ खरीदते हैं, और फिर अशुद्ध खान-पान के कारण बीमार होकर महंगा उपचार कराते हैं। गुरुवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी मदन गुर्जर की टीम ने देवली की दो मिठाई की दुकानों पर औचक दबिश दी। इस जाँच के दौरान टीम ने बड़ी मात्रा में अखाद्य सामग्री जब्त किया। वहीं चौंकाने वाले खुलासे में अधिकारियों ने 270 किलोग्राम मिल्क केक और 200 किलोग्राम एक्सपायरी हो चुके खाद्य पदार्थ को बनास नदी में नष्ट किया गया। टीम को प्रथम दृष्टया यह मिलावटी लगा। हालांकि रिपोर्ट आने के बाद इसका पता लगेगा। इस खुलासे ने एक बार फिर त्यौहारों के मौसम में स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जहाँ लोग त्यौहारों की खुशी में महंगी मिठाइयाँ खरीद रहे हैं, वहीं इन मिठाइयों का सेवन करने के बाद उन्हें महंगा उपचार कराना पड़ रहा है। रोज़ आ रही खबरें यह दर्शाती हैं कि बाजार की मिठाइयाँ सिंथेटिक दूध और हानिकारक मेवों से तैयार हो रही हैं। शहर में बढ़ रही दिनों दिन मिठाइयों की दुकाने, त्योहार पर लोगों को कही जहर नहीं परोस दे। पिछले कई वर्षों में मिठाइयों की दुकानों की शहर में जैसे बाढ़ आ गई हो। इसी तरह यही हालत दूध डेयरियों की भी है। जिनके दूध, घी, मक्खन, छाछ, दही की भी जांच समय-समय पर होनी चाहिए। परंपरा की ओर लौटने की आवश्यकता: स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्थिति से बचने के लिए उपभोक्ताओं को अपनी परंपरा की ओर लौटना पड़ेगा। घर पर बनी मिठाइयाँ शुद्ध होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक नहीं होती। लोगों को होम मेड बेसन की चक्की, लड्डू, खोपरा के लड्डू, घर की बनी इमरती, जलेबी, घर का बना मावा, हलवा, गुलाब जामुन, काजू कतली, मलाई बर्फी, मैसूर पाक, ड्राई फ्रूट एवं इससे बनी मिठाइयां आदि परंपरागत व्यंजनों को प्राथमिकता देनी चाहिए। घर की बनी ये मिठाइयाँ स्वाद और शुद्ध होती हैं, जबकि बाहर की मिठाइयों का हाल देखा जा सकता है। लिहाजा त्यौहार की खुशियों को सुरक्षित रखने के लिए लोगों को अपनी जेब और अपने स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखते हुए खरीददारी करनी होगी। मिलावटी मावे से यह पड़ता है दुष्प्रभाव स्थानीय चिकित्सकों के अनुसार मिलावटी मावे की बनी मिठाई खाने से पेट खराब होने, उल्टी, दस्त और पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मिलावटी मावा अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है और फेफड़ों की नलियों में इंफेक्शन बढ़ा सकता है। इसके अलावा यह किडनी और लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकता है। मिलावटी मावा में मौजूद हानिकारक तत्व रक्त के माध्यम से शरीर में पहुंचकर हृदय, किडनी और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह एलर्जी, त्वचा पर चकत्ते और खुजली की समस्याएं भी पैदा कर सकता है। मिठाई खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

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