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देवली,नगर पालिका की बोरिंगे नहीं होती तो पानी के लिए तरस जाते लोग…,जलदाय विभाग के अभियंता, जनप्रतिनिधियों एवं मीडियाकर्मियों की हुई बैठक जल संकट को लेकर अभियंताओं को लिया आड़े हाथों शहर के वि

Norat Mal Nama 13-May-2025
देवली,नगर पालिका की बोरिंगे नहीं होती तो पानी के लिए तरस जाते लोग…,जलदाय विभाग के अभियंता, जनप्रतिनिधियों एवं मीडियाकर्मियों की हुई बैठक जल संकट को लेकर अभियंताओं को लिया आड़े हाथों शहर के विभिन्न इलाकों की बताई समस्या देवली ,शहर के विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त विभिन्न जल समस्या एवं गंदे पानी की जलापूर्ति आदि समस्याओं को जानने को लेकर मंगलवार शाम नगर पालिका सभागार में बैठक आयोजित हुई। बैठक में जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता कालूराम मीणा ने शहरी जल योजना की विभिन्न प्रस्तावित स्कीम की बैठक में मौजूद लोगों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहरी जल योजना देवली के संवर्धन अंतर्गत प्रस्तावित योजना के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि उक्त योजना के लिए 2232.96 में लाख रुपए स्वीकृत है। इस योजना में देवपुरा बनास नदी के किनारे 6 मीटर व्यास के दो ओपन वाले बनाने, देवपुरा रोड पर शमशान घाट के पास 2 एमएलडी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने, पंप सेट लगाने, पावर कनेक्शन, पुराने नल कनेक्शन बदलने, पीएलसी स्काडा सिस्टम का कार्य, राइजिंग पाइपलाइन का कार्य एवं पांच विभिन्न उच्च जलाशय का निर्माण कार्य शामिल है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार जल योजना देवली के अमृत 2.0 के अंतर्गत प्रस्तावित योजना में कुल राशि 497.94 करोड़ है। इसके तहत देवपुरा ओपन वेल से पटेल नगर फिल्टर प्लांट तक मुख्य संचरण पाइपलाइन बिछाने का कार्य, देवपुरा में जैक्वेल की सफाई, पटेल नगर में फिल्टर प्लांट के सुदृढ़ीकरण का कार्य, कीर मोहल्ला और गाड़िया लुहार बस्ती में पाइप लगाने का कार्य, पुराने कनेक्शन बदलने एवं 5 वर्ष का संचालन संधारण का कार्य शामिल है। …और फिर भड़क गए जनप्रतिनिधि लेकिन उक्त योजना की जानकारी देने के बाद जनप्रतिनिधि समस्याओं को लेकर नाराज हो गए। वार्ड पार्षद भीमराज जैन विवेकानंद कॉलोनी पार्श्वनाथ धर्मशाला क्षेत्र में गंदे पानी की समस्या बताई। उन्होंने कहा कि अभियंता सुनते नहीं है। इसके अलावा उन्होंने साकेत कॉलोनी में अपर्याप्त जलापूर्ति की समस्या गत एक माह पूर्व बताई थी। लेकिन आज तक उसका समाधान नहीं हुआ। आखिर शिकायत का समाधान नहीं है तो शिकायत करने से क्या फायदा। उन्होंने गंदे पानी की बोतल भी दिखाई। इस पर अधिशासी अभियंता ने कहा कि गंदे पानी की समस्या का जल्द निस्तारण करेंगे। यह समस्या पुरानी लाइनों से है। जहां लोग नए कनेक्शन ले लेते हैं और पुराने कलेक्शन को खुला छोड़ देते हैं। जिससे गंदा पानी पाइप लाइनों में चला जाता है। पार्षद सत्यनारायण सरसड़ी ने कहा कि अभियंता फोन नहीं उठाते हैं। वे केवल एक कर्मचारियों को ही जानते हैं। उन्हें बताया गया था कि सीआईएसएफ की टंकी से पानी मिलेगा। लेकिन आज तक पानी नहीं मिला। पानी की समस्या अधिकांश गर्मी में रहती है। लीकेज पॉइंट की मरम्मत करानी चाहिए। हजारों रुपए के बिल भेज देता हैं विभाग पालिका उपाध्यक्ष सौरभ जिंदल ने कहा जलदाय विभाग की ओर से निष्क्रिय नल कनेक्शन के भी बड़ी बड़ी राशि के बिल बना दिए जाते हैं। जबकि यदि कोई उपभोक्ता दो-तीन महीने भुगतान नहीं कर तो उन्हें नोटिस जारी कर नल कनेक्शन काट दिया जाना चाहिए। यहां तक कि उन्हें भी उनके पुराने घर का हजारों रुपए का बिल मिला है। ऐसे में आम आदमी यह बिल कैसे चुकाएगा। वार्ड अनुसार समस्या जानकर करें निस्तारण पालिकाध्यक्ष नेमीचंद जैन ने कहा कि जो भी समस्या बैठक में आई है। उसे अभियंता नोट करें और वार्ड अनुसार जाकर उसकी जानकारी संग्रहित करें। मीडिया व जनप्रतिनिधियों से इलाकों की जानकारी लेकर समस्या का निस्तारण करें, ताकि उन्हें सही वस्तुस्थिति का पता लग सके और कोई भी योजना विभाग बनाता है तो मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाए। भाजपा नेता जितेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि करोड़ों रुपए की योजना भले बन जाए, लेकिन आज भी वार्डों में समस्या व्याप्त है। शहर की कई लाइन पुरानी हो चुकी है। कर्मचारी कहते हैं कि प्रेशर अधिक खोल देंगे तो लाइन फट जाएगी। ऐसे में सप्लाई पूरी नहीं हो पाती। यदि नगर पालिका की बोरिंग नहीं होती तो लोग पानी की बूंद बूंद के लिए तरस जाते हैं। नगरपालिका हर माह औसत 10 लाख रुपए का बोरिंगो के पेटे बिजली का बिल चुकाया जाता है। इस तरह सवा करोड रुपए का बिल हर महीने चुकाया जाता है। उन्होंने कहा कि वार्ड अनुरूप समस्या जाने, पार्षदों से जानकारी ली और पुरानी लाइने बदलकर लोगों को राहत दे। जिले के एवं जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी की भी यही मंशा है। इसके अलावा सभी तरह की आवश्यकताओं का स्टॉक रखें। बैठक में जलदाय विभाग के सहायक अभियंता नितिन जैन, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका सुरेश कुमार मीणा, कनिष्ठ अभियंता जलदाय विभाग वीरेंद्र सिंह, पार्षद छाया चौधरी, संजय सिंहल, पवन सिंहल, विनोद धर्मानी, लोकेश लक्षकार, जनप्रतिनिधि बाबूलाल महेंद्र बैरवा भी मौजूद थे। इनमें से भी कई लोगों ने अपने क्षेत्र की समस्या गिनाई। बैठक में मौजूद अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता ने फोन नहीं उठाने और इलाके में नहीं जाने के बात नकारी और कहा की जरूरत होने पर वह समस्याग्रस्त क्षेत्र में जाते हैं। वही जो समस्या बताई गई है, उसका निस्तारण किया जाएगा। इस दौरान पार्षद भीमराज जैन व पालिका उपाध्यक्ष सौरभ जिंदल ने जलदाय विभाग कार्यालय के नीचे पेड़ पर लगे दर्जनों मधुमक्खियां के छत्तों का मुद्दा उठाया उन्होंने कहा कि इन मधुमक्खियां के छत्तों की वजह से पूर्व में एक व्यक्ति की जान जा चुकी है। लिहाजा उक्त समस्या का निस्तारण जरूरी है। जरूरी हो तो उक्त पेड़ को हटाया जाए, ताकि मधुमक्खियां के छत्ते हटे, नहीं तो भविष्य में किसी की जान जा सकती है।

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