Norat Mal Nama
21-Oct-2025
देवली,ऐतिहासिक 89 दिन बाद थमा बनास का प्रवाह
बांध के सभी गेट बंद, रिकॉर्ड 3.39 गुना अधिशेष जल प्रवाहित
देवली। जयपुर, अजमेर और टोंक की जीवनरेखा माने जाने वाले बीसलपुर बांध के मानसून सत्र का मंगलवार सुबह 9 बजे एक महत्वपूर्ण अध्याय के साथ का समापन हो गया।
बांध के सभी गेट पूर्णत: बंद कर दिए गए हैं, जिसके साथ ही बनास नदी में चल रहा करीब तीन महीने लंबा जल प्रवाह भी थम गया। इस वर्ष मानसून की ऐतिहासिक मेहरबानी के चलते बांध के गेट गत 24 जुलाई को खोले गए थे। उस समय यह एक नया रिकॉर्ड था। दरअसल बीसलपुर के इतिहास में पहली बार जुलाई माह में ही बांध ओवरफ्लो हुआ था।
तब से लेकर 21 अक्टूबर तक, बांध के गेट निरंतर 89 दिनों तक खुले रहे, जो बांध के इतिहास में सबसे लंबी निकासी अवधि में से एक है। इन 89 दिनों के दौरान बांध से बनास नदी में कुल 129.56 टीएमसी अधिशेष जल प्रवाहित किया गया। बांध की कुल भराव क्षमता (लगभग 38.70 टीएमसी) को देखते हुए, यह मात्रा कुल क्षमता का लगभग 3.39 गुना है।
बांध की कुल क्षमता से तीन गुना से अधिक पानी का बहना इस मानसून सत्र की अच्छी आवक को दर्शाता है। बीसलपुर बांध से पानी की यह रिकॉर्ड निकासी बताती है कि कैचमेंट एरिया (विशेषकर भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद) में इस साल अच्छी बारिश हुई। हालांकि, मानसून सत्र की आधिकारिक समाप्ति के बाद अब सभी गेट बंद होने से बांध अपनी पूर्ण भराव क्षमता (315.50 आरएल मीटर) पर स्थिर हो गया है।
जो जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों के लिए अगले सालों के लिए पेयजल आपूर्ति करेगा। बांध प्रशासन ने आगामी शुष्क मौसम को देखते हुए अब पानी की निकासी रोक दी है।