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देवली, स्मार्ट मीटर योजना पर रोक लगाने को लेकर शहर एवं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखंड कार्यालय में सोपा

Norat Mal Nama 21-Jul-2025
देवली, स्मार्ट मीटर योजना पर रोक लगाने को लेकर शहर एवं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखंड कार्यालय में सोपा टोंक जिले के देवली में स्मार्ट मीटर योजना पर रोक लगाने को लेकर देवली शहर में शहर कांग्रेस कमेटी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखंड कार्यालय में सोपा कांग्रेस शहर अध्यक्ष सौरभ जंगल में बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने से की 14 हजार करोड की योजना से व्यापक अस्वीकृति और इससे उत्पन्न हो रही लोकतांत्रिक देश में स्मार्ट मीटर योजना ईस्ट इंडिया कम्पनी के शासन के समान आमजन का शोषण है। हाल के दिनों। जिले के नागरिको विशेषकर मध्यम बर्ग एवं निम्न आय वर्ग के उपभोक्तामो मीटर के कारण अत्यधिक बिलिंग तकनिकी खामियां है तथा स्मार्ट मीटर योजना को क्ताओ ने स्मार्ट भविष्य में प्री-पेड मीटर रिचार्ज सुविधा में बदलने पर गरीब बीपीएल परिवारो को गभीर संकट उत्पन्न होगा तथा गोपनीयता संबधी चिंताओं को लेकर गंभीर आपत्तिया व्यक्त की जा रही है। विरोध प्रदर्शन के दौरान दौरान ब्लाक अध्यक्ष महादेव मीना,शहर अध्यक्ष सौरभ जिंदल, कुलदीप सिंह राजावत, पूर्व अध्यक्ष मुकेश गर्ग, विनोद पुजारी, इरफान आजमी, आशाराम धाकड़, दिपेंद्र ‌चोधरी, गोरधन सरपंच, सत्यनारायण सरसडी पार्षद, कुन्दन नथैया पार्षद,,शम्मी भाई, टीकम चंद सेन,नीरज शर्मा, राज़ू पाठक, प्रेम देवी, राजीव जैन, राम निवास मीणा, नन्द किशोर पार्षद , राजेन्द्र चांवरिया, गेंदी लाल,अनुज खटीक, कालूराम मीणा, सम्पत सुवालका,नीरज मीणा,आशीष सोनी, मनजीत सिंह काका, राम लाल जाट,सजग खंडेलवाल,अमन,सरताज मोहम्मद उपस्थित रहे। प्रमुख समस्याएँ: 1. बिधुत अधिनियम अनुसार मीटर परिवर्तन हेतु उपभोक्ता की अनुमति । सहमति आवश्यक है। जबकि कम्पनी द्वारा बिना किसी सूचना के अवैधामिक तरीके से स्थापित मीटर को मौके पर हो क्षतिग्रस्त कर नया. स्मार्टक मीटर लगा दिया जाता है। उपभोक्ती पुराने मीटर की रीडिंग की जानकारी नहीं दी जाती है। 2. गलत बिलिंग: स्मार्ट मीटर से प्राप्त बिल पारम्परिक मीटरो की तुला करी अधिक है। जिससे जनता पर आर्थिक भार बढ़ रहा है। की तुलना मे 3. तकनीकी दोष: बार बार सर्वर डाऊन होने, डेटा ट्रांसमिशन में कुरियों के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ रही है। ५. गोपनीयता का उल्लंघन: मिरन्तर डेटा संग्रहण से नागरिको की निजता खतरे में पड़ रही है। 5. विवाद निबारण तन्त्र का अभाव : विशकायतों का समाधान न हो पाने से जनता में असूयक्षा की भावना व्याप्त है। हमारी मांगे स्मार्ट मीटर पर तत्काल रोक लगाई जाए। 1. स्मार्ट मीटर की अनिवार्य स्थापना पर 2. मौजूदा शिकायतों की स्वतन्त्र जांच कराई जाए तथा गलत बिलो की धनवापसी सुनिश्चित की जाए। 3. पारम्परिक मीटर विकल्प को बनाए रखने की अनुमति दी जाए। इस योजना पर जनता के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की कार हमारा मानना है कि प्रदेश भर में 1.43 करोड उपभोक्ताओं को 14 हजार करोड़ की लागत से लगाए जाने बाले स्मार्ट मीटर योजना टेक्स पेयर के पैसे का दुरुपयोग है। तकनीकी सुधार जनहित में होने चाहिए न कि जनता के लिए अभिशाष बन कर रह जाए। अतः हम सरकार से इस मुद्दे पर त्वरित कार्यवाई की अपेक्षा करते है। 5. स्मार्ट मीटर सर्वप्रथम राजस्थान के समस्त सरकारी कार्यालयों पर लगाया जाए तथा पूर्व का बिल की राशि व वर्तमान स्मार्ट मीटर की राशि का फर्क सार्वजनिक जनता के सामने रखा जाए

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